पश्चिम बंगाल में माँ दुर्गा के स्वागत में पंडाल सज चुके हैं। सिटी ऑफ जॉय में हर वर्ष पंडालों के स्वरूप इस प्रकार तैयार किए जाते हैं, जिनमें कई संदेश, इतिहास या सामाजिक सरोकारों से जुड़े मुद्दे को उठाया जाता है।
कोरोना काल के बाद कोलकाता में दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इसमें कंकुरगाछी के क्लब द्वारा बनाया गया पंडाल चर्चा का विषय बन गया है। इस पंडाल में बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा को चित्रित किया गया है।
पंडाल में माँ दुर्गा के हाथों में एक अनाथ बच्चे को दिखाया गया है, जिसके माता-पिता की हिंसा में मौत हो चुकी है। माँ दुर्गा के पैरों में बच्चे के माता-पिता के शवों का मर्मस्पर्शी चित्रण किया गया है।
A Durga puja pandal in Kolkata based on the theme of post-poll violence depicts Goddess Durga holding a child orphaned due to the violence & the deceased parents lying on her feet. pic.twitter.com/IvxPfYl4p5
— Pooja Mehta (@pooja_news) September 27, 2022
2021 में पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की जीत के बाद वीभत्स हिंसा भड़की थी, जिसमें करीब 60 लोगों की जान गई थी।
इसी हिंसा में जान गंवाने वालों में अभिजीत सरकार भी शामिल थे, जिन्होंने 2020 में कंकुरगाछी में सरस्वती और कालीमाता नाम से दो क्लबों का गठन किया था। हालाँकि, उनकी मौत के बाद उनके बड़े भाई देवाशीष ने उनके क्लब को आगे बढ़ाया।
उन्हीं की याद में इस वर्ष पंडाल में पश्चिम बंगाल की सरकार का चित्रण किया जा रहा है। इसकी थीम ‘मायेदेर कन्ना रक्ततो बांग्ला (Mayeder Kanna Raktatto Bangla)’ रखी गई है।
पंडाल में माता दुर्गा को आक्रमक नहीं बल्कि करुणामय रूप में प्रदर्शित किया गया है। साथ ही, पंडाल में 60 माताओं, जिन्होंने अपने बच्चों को हिंसा में खो दिया, के दर्द को चरितार्थ करने के लिए दर्दनाक धुन बजाई जाएगी। देवाशीष सरकार ने कहा कि यह मंडप वास्तविक घटना पर आधारित है। चुनाव बाद जो हिंसा हुई, हम उसे ही दिखा रहे हैं।
बंगाल में पंडालों की मदद के लिए सरकार की ओर से भी अनुदान दिया जाता है। इस वर्ष मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रत्येक पंजीकृत क्लब के लिए 60,000 रुपए का अनुदान देने की घोषणा की थी।
हालाँकि, देबाशीष सरकार का कहना है कि वो यह अनुदान स्वीकार नहीं करेंगे। यह पंडाल बिना सरकार के मदद के ही निर्मित होगा। सरकार का कहना है, “मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी ने हमारे 60 भाई-बहनों की हत्या की है और इसलिए हम उनसे कोई मदद नहीं लेंंगे”।
बहरहाल, इस पंडाल की सोशल मीडिया पर चर्चा जारी है।