दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के राज में गरीब तबके की लड़कियों को पिछले 30 महीनों से सैनिटरी पैड नहीं मिल रहे हैं। केंद्र सरकार की नेशनल मेंस्ट्रुअल हेल्थ स्कीम के अंतर्गत गरीब लड़कियों को सस्ते दामों में सैनिटरी पैड वितरित किए जाते हैं।
केंद्र से फंड जारी होने के बावजूद काफी समय से दिल्ली की तकरीबन 30 हजार लाभान्वित युवतियों को आप सरकार द्वारा सैनिटरी पैड नहीं दिए गए हैं।
ढाई-साल से नहीं मिले सैनिटरी पैड
एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार मार्च 2020 से सैनिटरी पैड की आपूर्ति जारी रखने के लिए एक नए विक्रेता से कॉन्ट्रैक्ट करने में असमर्थ रही है।
यह योजना अप्रैल 2019 में शुरू की गई थी, जिसके तहत अनुमानित रूप से 30000 आर्थिक रूप से पिछड़ी लड़कियों को ₹6 के लिए 6 सैनिटरी पैड का एक पैकेट दिया जाना था।
शुरूआती साल में, आप सरकार ने सैनिटरी पैड की बड़े पैमाने पर आपूर्ति के लिए एक निजी कंपनी के साथ करार किया था। यह अनुबंध कोविड महामारी से पहले, यानी मार्च 2020 में समाप्त हो गया। करार खत्म होने के बाद से यह योजना बंद पड़ी है।
लड़कियों को हो रही दिक्कतें
करीब ढाई साल से सैनिटरी पैड नहीं मिलने से कई गरीब लड़कियों को असुविधा हो रही है।
इस योजना के पूर्व लाभान्वित, 15 साल की दिव्यांग बच्ची के पिता योगेश कुमार ने बताया कि उनके परिवार को लंबे समय से सैनिटरी पैड नहीं मिले हैं। अपनी पीड़ा बताते हुए उन्होंने कहा, “मेरी कमाई का 40 प्रतिशत, बेटी की दवाएं और अन्य खर्चों पर व्यय होता है। सरकार के द्वारा कोई भी मदद हमारे लिए बहुत कीमती है।”
लाभान्वितों के अनुसार पहले दिए जाने वाले सैनिटरी पैड की गुणवत्ता बहुत खराब होती थी लेकिन मजबूरी में उन्हें स्वीकार करना पड़ता।
मेंस्ट्रुअल हेल्थ
यह योजना केंद्र सरकार की नेशनल मेंस्ट्रुअल हेल्थ स्कीम (MHS) का हिस्सा है।

इसके तहत राज्य सरकारों को सैनिटरी पैड खरीदने के लिए धन दिया जाता है। इस योजना को दिल्ली सरकार द्वारा अप्रैल 2019 में “उड़ान” के नाम से लागू किया गया था।
दिसंबर 2019 में, उच्च न्यायलय ने दिल्ली सरकार को स्कूल और बीच में पढ़ाई छोड़ देने वाली लड़कियों को मुफ्त सैनिटरी पैड के वितरण को जारी रखने का आदेश दिया था।
जहां AAP सरकार के रवैये से कन्याओं को असुविधा हो रही है तो वहीं केंद्र सरकार की युवतियों के मेंस्ट्रुअल हेल्थ सुधारने की पहल को भी धक्का लग रहा है।