भारत पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धताओं को लेकर काफी गंभीर है। इस बात की गवाही हाल ही में आई एक रिपोर्ट दे रही है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत वर्तमान वर्ष 2022 में अपने अक्षय ऊर्जा के लक्ष्यों को 66% हासिल करने में सफल रहा है। यह जानकारी भारत में ऊर्जा सम्बन्धी आँकड़े देने वाली एजेंसी एम्बर ने अपनी एक रिपोर्ट में दी है।
एम्बर क्लाइमेट एक वैश्विक ऊर्जा थिंक टैंक है, यह आँकड़ों का उपयोग करके विश्व को कोयले से स्वच्छ ऊर्जा के स्रोतों की तरफ जान के लिए प्रोत्साहित करता है। भारत के स्वच्छ ऊर्जा के बारे में यह थिंक टैंक समय-समय पर रिपोर्टें लाता रहता है, जिनमें से यह जानकारी हाल ही में आई एक रिपोर्ट में दी गई है ।
भारत की स्वच्छ ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्धता को बताती है रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इस वर्ष सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काफी तरक्की हुई है, विशेषतया मार्च के महीने में। भारत का इस वर्ष के अंत तक 175 गीगावाट अक्षय ऊर्जा की क्षमता को पाना है, जिसमें से 66% लक्ष्य भारत ने पूरा करके 116 गीगावाट अक्षय ऊर्जा की क्षमता को हासिल कर लिया है।
इस वर्ष के दौरान भारत ने पिछले वर्ष के मुकाबले 17% ज्यादा अक्षय ऊर्जा की क्षमता वाले स्रोत लगाए।इस वर्ष भारत ने जनवरी से अगस्त के बीच में 11.1 गीगावाट अक्षय ऊर्जा के स्रोत स्थापित किए, जबकि पिछले वर्ष 2021 में इसी समय के दौरान 9.8 गीगावाट ऊर्जा के स्त्रोत स्थापित किए थे।
इन स्थापित स्त्रोतों में भारत का ज्यादा ध्यान सौर ऊर्जा पर रहा है, इस वर्ष में कुल स्थापित किए गए अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों का 89% सौर ऊर्जा वाले स्रोत थे, जबकि बाकी 10% पवन ऊर्जा वाले स्रोत थे।
भारत ने वर्ष 2030 तक 450 गीगावाट अक्षय ऊर्जा के स्रोत स्थापित करने का लक्ष्य रखा है, रिपोर्ट के अनुसार, भारत को अभी और तेजी से यह स्रोत लगाने होंगे ताकि इस लक्ष्य को पाया जा सके।
गुजरात-कर्नाटक अव्वल, बंगाल-बिहार फिसड्डी
रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना और राजस्थान ऐसे राज्य हैं जिन्होंने अपने निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा अक्षय ऊर्जा के स्रोत अपने राज्य में स्थापित करने में सफलता पाई है। दिल्ली, बिहार, मध्य प्रदेश और बंगाल तथा आंध्र प्रदेश ऐसे राज्य हैं जो अपने लक्ष्य से काफी पीछे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार भारत ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अभी तक काफी अच्छा काम किया है। हालंकि भारत को अभी और तेजी से काम करने की जरूरत है जिससे वह अपने 2030 के लक्ष्य को पा सके।
PM मोदी का पूरा ध्यान पर्यावरण की ओर
प्रधानमंत्री मोदी का पूरा ध्यान पर्यावरण के संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा की ओर है। इस बात का पता उनके बयानों से चलता है। आज ही उन्होंने गुजरात में सभी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की बैठक का शुभारम्भ करते हुए बहुत सी बातें पर्यावरण संरक्षण से जुडी हुई कहीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी अक्षय ऊर्जा के स्रोत बनाने की गति और उसका आकार दुनिया में कोई पा नहीं सकता। हमने वन्यजीवों के संरक्षण के लिए भी काम किया है। प्रधानमंत्री ने यहाँ बिजली बचाने के ऊपर भी बात की। उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण में जन भागीदारी पर भी जोर दिया।