भारत के अंदर स्वदेशी तकनीक से बना UPI भुगतान सिस्टम रोज़ाना ही नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। सितम्बर माह में इसके हिस्से एक और उपलब्धि आई है। UPI भुगतान सिस्टम ने 11 लाख करोड़ रुपए का आँकड़ा पार कर लिया है। इसे ही दूसरे शब्दों में ‘ट्रांजेक्शन वैल्यू’ कहते हैं। UPI का प्रबंधन करने वाली संस्था NPCI यानी नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया ने अपनी एक रिपोर्ट में यह आँकड़े रखे हैं।
With UPI, make assured secure payments that are instant, simple, and safe.#UPI #DigitalPayments @GoI_MeitY @_DigitalIndia @DFS_India pic.twitter.com/PnytLRXtXV
— NPCI (@NPCI_NPCI) October 1, 2022
इससे पहले, इसी साल अगस्त माह में UPI के द्वारा 10.7 लाख करोड़ रुपए के भुगतान किए गए थे। इस साल सितम्बर माह में संख्या में 678 करोड़ रुपए का भुगतान UPI के माध्यम से किए गए।
नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, UPI लेनदेन इस वर्ष सितंबर माह में 3% की दर से बढ़कर 6.78 अरब हो गया है, जबकि ट्रांजेक्शन वैल्यू 11,16,438 लाख करोड़ रही।
लगातार UPI रच रहा कीर्तिमान
लगातार बढ़ते उपयोगकर्ताओं के कारण UPI हर माह नए कीर्तिमान रच रहा है। इससे पहले अगस्त माह में भी UPI ने अपने पिछले जुलाई के कीर्तिमान को तोड़ा था। इस वित्तीय वर्ष में यह लगातार सातवाँ महीना है जब UPI ने अपने पिछले आँकड़े से बेहतर प्रदर्शन किया हो।
UPI को वर्ष 2016 में सरकार के द्वारा एक ऐसे माध्यम के रूप में शुरू किया गया था जिससे लोग बिना किसी समस्या के अपने फोन से ही रोजाना के भुगतान आसानी से कर सकें। तब से यह भुगतान सुविधा काफी सफल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने भाषणों में इसका जिक्र करते रहे हैं।
आज हमारे छोटे व्यापारी हों, छोटे उद्यमी हों, लोकल कलाकार और कारीगर हों, डिजिटल इंडिया ने सबको मंच दिया है, बाजार दिया है।
— PMO India (@PMOIndia) October 1, 2022
आज आप किसी लोकल मार्केट में या सब्जी मंडी में जाकर देखिए, रेहड़ी-पटरी वाला छोटा दुकानदार भी आपसे कहेगा, कैश नहीं ‘UPI’ कर दीजिए: PM @narendramodi
कुछ दिनों पहले सरकार के द्वारा UPI भुगतानों पर शुल्क लगाने की भी बात सामने आई थी। हालांकि सरकार ने इस पर स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि उनका ऐसा कोई विचार नहीं है और वह भारत में डिजिटल भुगतान के माध्यमों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
UPI और रुपे कार्ड: भुगतान में ‘आत्मनिर्भर भारत’
UPI और रुपे क्रेडिट और डेबिट कार्ड को शुरू करने के पीछे सरकार का उद्देश्य भारत को भुगतान के मामले में आत्मनिर्भर बनाना रहा है। इसी के साथ इन दोनों भुगतान तरीकों के कारण भारत में वित्तीय साक्षरता बढाने में मदद मिली है।
रुपे कार्ड के पीछे सरकार का मकसद विदेशी कार्ड कम्पनियों पर निर्भरता कम करने के साथ देश की वित्तीय जानकारियाँ देश में ही रखना है। रुपे कार्ड की सफलता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि अमेरिकी कम्पनियों ने इस के बारे शिकायत की है कि रुपे कार्ड के कारण उनका व्यापार सिमट रहा है।