प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते शुक्रवार (सितम्बर 17, 2022) को नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो वन्यजीव पार्क में छोड़ा।
इस कार्यक्रम के लगभग एक सप्ताह बीतने के बाद सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग खूब वायरल हो रही है। यह खबर ‘दी एशियन ऐज’ नामक अखबार की है, जिसे महिला पत्रकार अनीता कत्याल ने लिखा है।
इस खबर में दावा किया गया है कि “मध्य प्रदेश के कूनो वन्यजीव पार्क में नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को व्यक्तिगत रूप से रिहा करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फैसले ने आयोजकों के लिए बड़ी मुश्किलें पैदा कर दी है।”

‘दी एशियन ऐज’ अखबार ने लिखा, “पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ लगभग 300 लोग आ रहे हैं। इनके ठहरने के लिए जगह नहीं होने के कारण, आयोजकों ने तम्बू लगाने का फैसला किया। इसके लिए बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना पड़ा। इतना ही नहीं, पीएम मोदी के हेलीकॉप्टर को उतरने के लिए हेलीपैड बनाने में भी पेड़ों को काटा गया।”
यह खबर पूरी तरह भ्रामक है
दी एशियन ऐज अखबार की यह खबर पूरी तरह भ्रामक है। इस खबर में सरासर झूठ फैलाया गया है। कूनो पार्क में 17 सितम्बर के कार्यक्रम के लिए कोई भी पेड़ नहीं काटे गए। साथ ही, पीएम मोदी और अन्य लोगों के ठहरने की व्यवस्था सेसैपुरा फॉरेस्ट रेस्ट हाउस और टूरिज्म लॉज में की गई थी।
पीआईबी ने भी इस खबर पर संज्ञान लेते हुए बताया है कि यह खबर सरासर झूठी है। इन दावों का वास्तविकता से कोई सम्बंध नहीं है।
A media report in 'The Asian Age' claims that a large no of trees were cut in Kuno Wildlife Sanctuary to make arrangements for PM's visit for the release of 8 Cheetahs #PIBFactcheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) September 23, 2022
▶️No trees were cut
▶️Lodging arrangements were made at Sesaipura FRH & Tourism Jungle Lodge pic.twitter.com/rNkBhXEkTo
भारत लौटे चीते
साल 1952 में चीतों को देश से विलुप्त घोषित किया गया था। तकरीबन 70 साल बाद, 17 सितम्बर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आठ चीतों को रिहा किया। इनमें पाँच मादा और तीन नर चीता शामिल हैं। यह आठ चीते नामीबिया की राजधानी विंडहोक से भारत लाए गए। यह ‘प्रोजेक्ट चीता’ के अन्तर्गत भारत के वन्यजीवों और इनके आवास को पुनर्जीवित करने और विविधता लाने के प्रयासों का हिस्सा है।