भारत की संस्कृति में दान की हमेशा से ही परम्परा रही है। किसी के बुरे वक्त में उसे आर्थिक मदद देना सबसे बड़े पुन्य कार्यों में से एक माना गया है। आज के भौतिकवादी युग में भी भारत में दान की परम्परा जीवित है, ऐसा एक रिपोर्ट ने बताया है।
अशोका यूनिवर्सिटी के ‘सेंटर फॉर सोशल इम्पैक्ट एंड फिलैंथ्रोपी’ के द्वारा ‘हाउ इण्डिया गिव्स 2020-21’ शीर्षक वाली रिपोर्ट को हाल ही में जारी किया गया है, जिसमें भारत में दान एवं दूसरों को आर्थिक मदद सम्बन्धी काफी रोचक आँकडे सामने आए हैं।
रिपोर्ट भारत के अन्दर वर्ष 2020 से वर्ष 2021 के अक्टूबर माह तक के दान के आँकडे को यह रिपोर्ट बताती है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एक वर्ष में 23,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की आर्थिक मदद या दान लोगों ने की।
रिपोर्ट में काफी रोचक आँकड़े
रिपोर्ट बताती है कि भारतीयों ने वर्ष 2020-21 के बीच 23,700 करोड़ रुपए के दान दिए। इनमें से सबसे ज्यादा दान पाने वाले धार्मिक संस्थान थे, धार्मिक संस्थानों को कुल राशि का करीब 65% मिला अर्थात वर्ष 2020-21 के दौरान 15,000 करोड़ से ज्यादा की राशि दान के रूप में मिली।
इसके अतिरिक्त रिपोर्ट में यह जानकारी भी सामने आई कि 87% घरों ने एक वर्ष के दौरान दान किया है और ज्यादातर दान नकद के रूप में दिया गया। दान देने के लिए डिजिटल पेमेंट और चेक आदि का भी सहारा लिया गया।
रिपोर्ट में महिलाओं और पुरुषों के द्वारा दान को भी बताया है, जहाँ महिलाऐं घर में काम करने वाले कर्मचारियों और भिखारियों को दान देने में आगे रहीं, वहीँ पुरुष धार्मिक संस्थानों और परिवार और दोस्तों को मदद करने में आगे रहे।
भिखारियों को दान देने में निम्न आयवर्ग के लोग सबसे आगे रहे, 68% निम्न आयवर्ग लोगों ने भिखारियों को दान दिया जबकि सामन्यतः सभी आयवर्ग के 61% लोगों ने ही भिखारियों को दान दिया। ग्रामीण इलाकों में धार्मिक संस्थानों को अधिक दान शहरी इलाकों में मिला, जहाँ ग्रामीण इलाकों में 66% कुल दान का हिस्सा धार्मिक संस्थानों को गया, वहीँ शहरी क्षेत्रों में यह आँकड़ा 60% था।
रिपोर्ट के अनुसार, धार्मिक संस्थाओं को दान देने के पीछे सबसे बड़ा कारण धार्मिक मान्यताएं रहीं, 86% घटनाओं में ऐसी मान्यता ही दान का कारण बनी। घर में काम करने वाले कर्मचारियों को मदद देने के पीछे किसी की बुरे वक्त के समय मदद करना सबसे बड़ा कारण रहा।
गैर धार्मिक संस्थानों में दान पाने वालों में से स्कूल और ट्रस्ट आदि आगे रहे इसके अतिरिक्त यूनिसेफ और सीएम केयर्स आदि को भी लोगों ने दान दिए।