सोमवार, 10 अक्टूबर को तेलंगाना की सत्तारूढ़ पार्टी, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के सोशल मीडिया संयोजक वाई सतीश रेड्डी ने जैन साधु तरुण सागर के लिए अपमानजनक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने जैन मुनि तरुण सागर को तांत्रिक करार दिया और उन पर व्यक्तिगत टिप्पणी की। इस पर कई धार्मिक नेताओं और जैन समुदाय के सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई। इसके बाद सतीश रेड्डी को अपना ट्वीट डिलीट करना पड़ा।
जैन समुदाय के सदस्यों ने इसे प्रतिष्ठित जैन मुनि तरुण सागर का अपमान बताया और जैन समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए रेड्डी सहित उनकी पार्टी से माफी की मांगी है।
बीआरएस नेता ने जैन साधु की एक पुरानी तस्वीर ट्वीट की जिसमें वे पीएम नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद देते दिखाई दे रहे हैं। बीआरएस नेता ने ट्वीट में लिखा
“उनके (यानी पीएम मोदी )अधीन काम करने वाले बेवकूफ अब काली बिल्लियों, तांत्रिकों आदि के बारे में बात कर रहे हैं”

तरुण सागर दिगंबर समुदाय के एक जैन भिक्षु थे, वर्ष 2018 में उनका लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। यह जैन साधु वस्त्र नहीं पहनते हैं।
दरअसल ,वाई सतीश रेड्डी ने यह ट्वीट तेलंगाना भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय को जवाब देते हुए किया। बंदी संजय कुमार ने कहा था कि एक ‘तांत्रिक’ की सलाह पर ही सीएम चंद्र शेखर राव ने अपनी पार्टी का नाम टीआरएस से परिवर्तित कर बीआरएस किया।
हालाँकि वाई सतीश रेड्डी के ट्वीट के बाद जैन मुनि तरुण सागर के अनुयायिओं ने इस टिप्पणी पर अपना कड़ा विरोध जताया।
TRS के नेता द्वारा की गई अपमान जनक ट्वीट पर उज्जैन अभ्युदयपुरम जैन गुरुकुल तीर्थ प्रेरक -संस्थापक पूज्य आचार्य श्री मुक्तिसागरसूरि जी म.सा. जी ने अपना आक्रोश प्रकट किया है. @narendramodi @AmitShah @PMOIndia @amitmalviya https://t.co/HqaFDGvrQy pic.twitter.com/76ZWESuoHU
— Sunil Singhi (@SunilSinghiIND) October 10, 2022
भाजपा नेता अमित मालवीय ने वाईएसआर के ट्वीट के स्क्रीनशॉट के साथ जैन भिक्षु गुरुदेव श्री नायपद्मासागरजी महाराज साहब का वीडियो साझा किया है जिसमें वो इस टिप्पणी की निंदा कर रहे हैं।
टीआरएस के सतीश रेड्डी, जो KTR का करीबी है, की अभद्र ट्वीट पर JIO – JITO के संस्थापक गुरुदेव श्री नयपद्मसागरजी महाराज साहेब ने आपत्ती जतायी और उसे पूरे जैन समाज का अपमान बताया। pic.twitter.com/DrGqPq7DOh
— Amit Malviya (@amitmalviya) October 10, 2022
एक सोशल मीडिया यूजर अंकित जैन ने ट्वीट किया जिसमें अन्य जैन भिक्षुओं को वाई सतीश रेड्डी की अपमानजनक टिप्पणी की निंदा करते हुए सुना जा सकता है।
केसीआर की पार्टी के लोगों द्वारा जैन मुनि को अपमानित करने से जैन समाज बहुत रोष मैं है। pic.twitter.com/ukNrJkwTik
— अंकित जैन (@indiantweeter) October 10, 2022
आपको बता दें कि जैन धर्म का मजाक बनाने वाला यह कोई पहला मामला नहीं है।
इससे पहले भी मशहूर संगीतकार एवं आम आदमी पार्टी के सदस्य विशाल डडलानी एवं कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने भी जैन मुनि तरुण सागर पर अभद्र टिप्पणी की थी।

इसके बाद पुलिस ने इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न वर्गों में शत्रुता को बढ़ावा देना) और धारा 509 (शब्दों, इशारे या कृत्य से किसी महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने का इरादा) के तहत एफआईआर दर्ज की।
हालाँकि, बाद में विशाल डडलानी ने माफी भी मांग ली थी।
इसके अलावा, तृणमूल कांग्रेस से सांसद महुआ मोइत्रा भी जैन धर्म पर विवादित टिप्पणी कर चुकी हैं।
उन्होंने कहा था ‘जैन लड़के छिप कर काठी-कबाब खाते हैं’।
महुआ मोइत्रा ने लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा, “आप भविष्य के भारत से डरते हैं जो अपनी त्वचा में सहज है, जो परस्पर विरोधी वास्तविकताओं के साथ सहज है। आप उस भारत से डरते हैं, जहाँ एक जैन लड़का घर से छिपकर अहमदाबाद की सड़क पर एक ठेले से काठी कबाब खाता है”।
अक्सर विभिन्न राजनैतिक दलों को वोट बैंक की राजनीति के लिए अल्पसंख्यकों का सहारा लेते देखा जाता है। राजनैतिक दल एक विशेष समुदाय के अलावा अन्य अल्पसंख्यकों (जैन,पारसी) की समस्याओं की बात नहीं करते हैं।
हालाँकि, कुछ वर्ष पहले पीएम मोदी का एक बयान वायरल हुआ था जिसमें वह स्वयं को जैन समुदाय से जुड़ा बता रहे थे। वहीं गुजरात के मुख्यमन्त्री रहते हुए उन्होंने जैन समाज के एक कार्यक्रम में ही राज्य के सभी स्लॉटर हाउस बंद करने की घोषणा की थी।