पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हाल ही के दिनों में हलचल दिखाई दी है। इसके बाद सामने आया कि पाकिस्तानी सेना ने 6 जिलों को चरमपंथी उग्रवादी गुट तहरीक-ए-तालिबान (TTP) के हवाले कर दिया गया है। यह जानकारी पाकिस्तान की सेना और तहरीक-ए-तालिबान के बीच चल रही गोपनीय बातचीत के बाद सामने आई है।
‘दी इंडियन अफेयर्स (TIA)’ को पुख्ता सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि पेशावर, नौशेरा, चरसद्दा, मरदान, श्वाबी और खैबर को पाकिस्तानी तालिबान को सौंप दिया गया है। तालिबान को सौंपे गए इन जिलों में शामिल चरसद्दा में अभी कुछ दिनों पहले ही पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने रैली निकाली थी।
چارسدہ کا آج کا جلسہ جس میں ایک مرتبہ پھرعوامی سمندر نےمیری حقیقی آزادی کی تحریک پر لبیک کہا۔جس حقیقت میں اب کسی قسم کا ابہام باقی نہیں وہ یہ ہے کہ پاکستان ایک انقلاب کو ابھرتےدیکھ رہاہے۔ہم سب کو یقینی بنانا چاہئیے کہ یہ بیلٹ باکس کے ذریعے پرامن طریقے سے آئے! pic.twitter.com/DOTcLgFwEI
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) September 17, 2022
TIA के रिपोर्टर ने जनाकारी दी है कि खैबर पख्तूनख्वा जिले के पुलिस अधिकारियों (डीपीओ) ने जिले में जारी TTP की किसी भी गतिविधियों में दखल ना देने और उनके खिलाफ कोई कदम ना उठाने के निर्देश जारी किए हैं। डीपीओ पाकिस्तान में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का पद होता है, जिसके पास राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है।
वास्तव में, यह निर्देश इन डीपीओ द्वारा नहीं बल्कि पाकिस्तान की सेना द्वारा ही दिए गए हैं, क्योंकि जिले में काम करने वाले यह अधिकारी पाक सेना में कर्नल रैंक के अधिकारी के अधीनस्थ होते हैं।
पश्तून लोगों का तो मानना है कि केपीके क्षेत्र में जारी आतंकवादी गतिविधियों में पाक आर्मी और TTP की मिलीभगत है। पाकिस्तानी सेना ने हमेशा पश्तून बहुल क्षेत्रों में TTP की आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन किया है।
पाक में निवास कर रहे पश्तून, बलोच और शिया लोगों पर लगातार अत्याचार के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। इसीलिए इस क्षेत्र के लोगों में एक कहावत प्रचलित है, “यह जो दहशतगर्दी है, इसके पीछे वर्दी है”।
टीटीपी द्वारा इन जिलों के अधिग्रहण के बाद क्षेत्र में कानूनी व्यवस्था की धज्जियां उड़ गई हैं। इसी के चलते स्वात क्षेत्र के पीएमएल-एन पार्टी के नेता और MPA (मेंबर ऑफ प्रोविंशियल असेंबली) सरदार खान को तालिबान से धमकी भरे फोन भी आए हैं।
स्वात गांव के ही बर्रा बंदाई क्षेत्र में शांति समिति (यह तालिबान द्वारा कबाली क्षेत्रों में किए गए आक्रमण के बाद आतंकवाद से लड़ने के लिए बनी थी) के पूर्व अध्यक्ष इदरीस खान की कार पर हमला किया गया था। इस हादसे में इरदीस खान सहित 4 लोगों की मौत हुई थी।
इस दर्दनाक हादसे को बीते अभी 24 घंटे भी नहीं बीते हैं कि एक ओर नेता मोहम्मद शेरिन कोराक को आतंकवादियों ने स्वात क्षेत्र में मौत के घाट उतार दिया है।