गत रविवार, 6 नवंबर को ‘मारुति धर्मपेक्ष संस्था’ ने ‘पापा नी परी’ लगनोत्सव का सफल आयोजन किया। यह कार्यक्रम गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के भावनगर शहर में हुआ। इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी! गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा के ऐलान के बाद पहली बार प्रधानमंत्री मोदी अपने गृह राज्य गुजरात पहुँचे।
प्रभात के समय उन्होंने कपराडा में एक चुनावी रैली को संबोधित किया एवं शाम के समय भव्य विवाह समारोह में शिरकत की। कार्यक्रम का प्रमुख आयोजनकर्ता भावनगर के हीरा व्यापारी लखानी परिवार था।
पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन के दौरान लखानी परिवार को अपना विशेष आभार व्यक्त किया और कहा कि लखानी परिवार के सौजन्य से ही उनको इस पावन बेला में सम्मिलित होने का अवसर मिला। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरे समाज में अगर भक्ति भाव न हो तो इस प्रकार का कार्य करना असंभव है।
उन्होंने कहा कि धन तो आज अधिकांश सर्वभूत है परंतु धन के साथ साथ मन हर किसी के पास नहीं होता। मन हो तभी मंडप तक का सफर तय हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “नमन है लखानी परिवार के उन पूर्वजों को, जिन्होंने ऐसे संस्कार दिए हैं जो न सिर्फ समस्त परिवार को अपितु समस्त गुजरात की ख्याति संपूर्ण विश्व से परिचित करवाते हैं।”

पीएम मोदी आयोजन से अत्यंत प्रसन्न नज़र आए। लखानी परिवार व मारुती धर्मपक्ष संस्था का अभिमुल्यन करते हुए उन्होंने कहा कि 551 बेटियों का सामूहिक विवाहोत्सव आज है परन्तु लखानी कुटुंब इस अवसर की सम्पूर्णता में पिछले एक वर्ष से तत्पर था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “प्रायः 6 मास पूर्व समस्त लखानी परिवार मुझे विशेष आमंत्रण देने के लिए मेरे आवास में आया था। विवाहस्थल में सभी वधु-बेटियों के प्रति स्नेह व उत्साह मैंने लखानी परिवार की आँखों में देखा था। एक-एक बेटी के बारे में मुझे अवगत कराया गया था। यह मेरे लिए तथा समस्त परिवार के लिए भाव विभोर कर देने वाला क्षण है। यह कोई छोटी बात नहीं है, बल्कि इसमें संस्कार, सद्भाव व सामाजिक सौहार्द की चेतना जुड़ी है ।
Attending 'Papa Ni Pari' Lagnotsav 2022, a mass wedding ceremony, at Bhavnagar. https://t.co/UInk7NIfOt
— Narendra Modi (@narendramodi) November 6, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह मे उपस्थित सभी वर-वधुओं को स्वावलम्बी बनने की प्रेरणा दी। अपने सम्बोधन मे उन्होंने गुजराती समाज में विवाह व्यवस्था में भौतिक सुख के लिए होने वाले अत्यधिक कर्जे व खर्चों का विवरण दिया। हालाँकि उन्होंने धीरे-धीरे सामाजिक जागृति व वर्तमान समाज मे हुए परिवर्तन की भी सराहना की।
पीएम ने नवविवाहितों से कहा कि वह लोग घर पहुंचने के बाद रिश्तेदारों के दबाव में फिर से शादी समारोह आयोजित न करें।
उन्होंने कहा कि आज गुजरात सामूहिक विवाह को स्वीकार करता है। सामूहिक विवाह की प्रस्तावना तो हो चुकी है परंतु मन में फिर भी एक विचार था कि जातिवाद के उन्मूलन के लिए कुछ तो करना है। आज भी कुछ स्थानों में जाति के नाम से भोजन करने के विचार मात्र से ही लोग रुक जाते हैं।
इस बाबत अपने सुझाव देते हुए पीएम मोदी ने लोगों से घर लौटने के बाद इस बारे में विचार करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि कर्ज लेने से बचें और यदि धन पर्याप्त है तो उसे श्रेष्ठ कार्यों मे लगाएँ, यह आने वाली पीढ़ी के भविष्य के लिए हितकारी साबित होगा।
पापा नी परी

गत रविवार को सम्पन्न हुए विशाल सामूहिक विवाह समारोह की विषयवस्तु थी पापा नी परी अर्थात पापा की परी। समारोह में वह सभी कन्याएँ भी शामिल थीं, जो पितृछाया से वंचित थी। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी वैवाहिक जोड़ों को अपना आशीष प्रदान किया तथा उज्जवल भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएँ दी।
सामुदायिक सेवा के महत्व पर जोर देते हुए, पीएम ने कहा, “समुदाय की शक्ति अनंत है। इसलिए, समुदाय को भगवान का एक रूप कहा जाता है। ईश्वर के पास जितनी शक्ति है, उतनी ही शक्ति समुदाय के पास भी है। जब ईश्वर का आशीर्वाद और समुदाय की शक्ति होती है, तो लखानी जैसे लोग आगे आते हैं और जिसका परिणाम हम आज देख रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने गुजरात सरकार द्वारा सामाजिक क्षेत्र में किए गए विभिन्न पहलों, जैसे कुपोषण को खत्म करने और भारत को क्षय रोग से मुक्त करने के अभियान पर भी प्रकाश डाला।