पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्र पठानकोट से एक वीभत्स तस्वीर सामने आई है। पठानकोट के एक सिविल अस्पताल में 38 वर्षीय गर्भवती महिला को फर्श पर डिलीवरी देनी पड़ी। ट्विटर पर भाजपा नेताओं ने खबर साझा करते हुए पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार को जमकर घेरा।
सोशल मीडिया पर खबर आग की तरह फैली जिसके बाद से आम जन भी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान पर नाराज हैं।
पठानकोट के अस्पताल में फर्श पर डिलीवरी
बीते गुरुवार (29 सितंबर, 2022) को सोशल मीडिया पर भाजपा नेताओं ने एक वीडियो शेयर किया। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक महिला अस्पताल के फर्श पर लेटी हुई है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्विटर पर वीडियो साझा करते हुए आप के कथित ‘वर्ल्ड क्लास हेल्थ मॉडल’ की आलोचना की।
उन्होंने लिखा, “पठानकोट सिविल अस्पताल में एक गरीब परिवार की एक महिला को फर्श पर बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि उसे कथित तौर पर लेबर रूम में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था।”
A woman from a poor family was forced to deliver a baby on the floor at Pathankot Civil Hospital after she was allegedly denied entry into the labour room.
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) September 29, 2022
THIS IS THE WORLD CLASS HEALTH MODEL OF AAP?
Money spent on ads, prachar of Kejriwal but poor suffer 1/n pic.twitter.com/2diQoyORm2
अस्पताल ने लेबर रूम में नहीं आने दिया
वायरल वीडियो में महिला के पति को भी यह आरोप लगाते हुए सुना जा सकता है कि अस्पताल स्टाफ ने उन्हें लेबर रूम से बाहर निकाल दिया।
वीडियो बनाने वाला व्यक्ति भी अस्पताल पर आरोप लगा रहा है। वह वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी पर गर्भवती मरीज को भर्ती करने से इनकार करने का आरोप लगा रहा है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, घटना 27 सितंबर, 2022 को रात करीब 11:30 बजे हुई। पठानकोट के पिपली मोहल्ला के एक मजदूर जंगी लाल अपनी गर्भवती पत्नी को सिविल लाइन्स अस्पताल भर्ती करने लाता है।
गर्भवती के पति ने बताया, “मेरी पत्नी प्रसव पीड़ा से कराह रही थी और मैं उसे प्रसव के लिए वहाँ ले गया। भर्ती करने के बजाय, अस्पताल के कर्मचारियों ने अभद्र व्यवहार किया और लेबर रूम के दरवाजे बंद कर दिए।”
इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने मजदूर से गर्भवती पत्नी को अमृतसर ले जाने के लिए कहा। एम्बुलेंस के ड्राइवर ने भी स्टाफ से महिला को भर्ती करने का अनुरोध किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
महिला के पति ने बताया कि असहाय हालत में उसकी पत्नी को फर्श पर ही डिलीवरी करनी पड़ी। इस दौरान अस्पताल प्रशासन द्वारा उन्हें किसी भी प्रकार की मदद नहीं दी गई।
इस पूरे प्रकरण के बाद पंजाब सरकार की कड़ी निंदा हो रही है। सोशल मीडिया पर अस्पताल प्रशासन के ऊपर कार्रवाई की मांग तेज हो रही है।