अमेरिका के बायडेन प्रशासन ने अमेरिका की सुरक्षा नीति के बारे में जारी किया जाने वाला सालाना दस्तावेज ‘नेशनल सिक्युरिटी स्ट्रेटजी’ 12 अक्टूबर को जारी कर दिया। इस दस्तावेज में आने वाले समय में अमेरिका के हितों की रक्षा के लिए उसके द्वारा तय की जाने वाली रणनीति के बारे में बताया जाता है।
And there you have it: the new U.S. National Security Strategy. https://t.co/ToSJ95IE30 pic.twitter.com/U7pv7v1qxJ
— Dhruva Jaishankar (@d_jaishankar) October 12, 2022
इस साल की रणनीति में मुख्य फोकस यूक्रेन-रूस संघर्ष, भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन को रोकने और अमेरिका के द्वारा बनाए गए समूहों और गठबन्धनों एवं लोकतंत्र जैसे मुद्दों पर रहा। ख़ास बात यह रही कि रिपोर्ट में भारत का जिक्र जहाँ 8 बार हुआ वहीं भारत के पडोसी और अमेरिका के पुराने सहयोगी पाकिस्तान का एक बार भी नाम नहीं है।
दस्तावेज के अंदर भारत और अमेरिका के बीच के सहयोग समूहों और रणनीतियों तथा उद्देश्यों पर काफी बात की गई है। भारत और अमेरिका सहित चार देशों की साझेदारी वाले समूह QUAD, भारत और इजरायल तथा संयुक्त अरब अमीरात के अमेरिका के साथ बने समूह I2-U2 के बारे में भी इस दस्तावेज में बात की गई है।
क्या है नेशनल सिक्युरिटी स्ट्रेटजी दस्तावेज?
नेशनल सिक्युरिटी स्ट्रेटजी एक रिपोर्ट है जो हर साल अमेरिकी प्रशासन की वैश्विक रणनीति को दर्शाते हुए तैयार की जाती है। इस रिपोर्ट का आधार अमेरिका का गोल्डवाटर- निकोलस एक्ट 1986 है। इसके बाद से लगातार हर साल यह रिपोर्ट तैयार की जाती है।
इन रिपोर्ट को सावर्जनिक रूप से अलग-अलग अंतराल पर जारी किया जाता है, यह अंतराल एक वर्ष भी हो सकता है और इससे ज्यादा भी। कई बार कुछ रिपोर्टों को जारी ही नहीं किया जाता। पहली ऐसी ही रिपोर्ट का प्रकाशन वर्ष 1987 में हुआ था। यह अमेरिका के राष्ट्रपति भवन ‘ह्वाइट हाउस’ की तरफ से जारी किया जाता है।
क्या है इस वर्ष की रिपोर्ट में खास?
12 अक्टूबर को जारी की गई इस रिपोर्ट में मुख्य फोकस यूक्रेन-रूस संघर्ष पर है, इसके अतिरिक्त चीन का भी काफी जिक्र हुआ है। रिपोर्ट में रूस के ऊपर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को खत्म करने का आरोप लगाया गया है, इसमें कहा गया है कि रूस लगातार अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है।
वहीं, चीन के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि वह अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बदलने का प्रयास कर रहा है। रिपोर्ट के अंतर्गत चीन को ही अमेरिका का सबसे प्रबल प्रतिद्वंदी बताया गया है। रिपोर्ट में चीन पर अपने धनबल का उपयोग करके अन्य देशों को दबाने की बात कही गई है।
पाकिस्तान के बारे में रिपोर्ट में कहीं भी कोई जिक्र नहीं है, अफगानिस्तान के बारे में लिखा गया है कि अमेरिका यह सुनिश्चित करेगा कि अफगानिस्तान आगे भविष्य में कभी भी आतंकियों के लिए सुरक्षित शरण की जगह ना बन पाए। साथ ही साथ तालिबान को भी आतंकी हमलों के प्रति जिम्मेदार ठहराने की बात कही गई है।
भारत का रिपोर्ट में अलग स्थान
भारत को इस अमेरिकी रिपोर्ट में एक मुख्य सहयोगी और विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा गया है। अमेरिका भारत के साथ मिलकर एक मुक्त इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए प्रयास जारी रखेगा। रिपोर्ट में अमेरिका के साथ भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान द्वारा बनाए गए समूह QUAD को कई कोरोना सहित चुनौतियों से लड़ने में सक्षम बताया गया है।
रिपोर्ट में खास तौर से एशिया-पैसिफिक शब्द की जगह इंडो-पैसिफिक शब्द का उपयोग किया गया है, इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि इस क्षेत्र में भारत की कितनी अहम भूमिका है और कोई भी देश बिना भारत के सहयोग के इस क्षेत्र में अपने हितों को पूरा नहीं कर सकता।