वर्ष 2022 का चिकित्सा क्षेत्र का नोबल पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक स्वान्ते पाबो को मिला है। इसकी घोषणा नोबल पुरस्कार समिति ने 3 अक्टूबर को की। पाबो को यह नोबल उनके द्वारा निएन्डरथल मानव की हड्डियों से जीनोम का निकालने के लिए दिया गया है।
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— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 3, 2022
The 2022 #NobelPrize in Physiology or Medicine has been awarded to Svante Pääbo “for his discoveries concerning the genomes of extinct hominins and human evolution.” pic.twitter.com/fGFYYnCO6J
पाबो वर्तमान में जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट में कार्यरत हैं। पाबो का जन्म स्वीडन के शहर स्टॉकहोम में 1955 में हुआ था, उन्होंने अपनी मेडिकल की पढ़ाई उप्पसला यूनिवर्सिटी से वर्ष 1977-80 के बीच की है। स्वान्ते कई संस्थानों में शिक्षक के तौर पर कार्यरत रहे हैं।
मुश्किलों भरी खोज
स्वान्ते 40,000 सालों पहले पृथ्वी से विलुप्त हुए निएन्डरथल मानव की हड्डियों से जीन निकालने में 2010 में सफल हुए। साइंस वेबसाइट के अनुसार उन्होंने इस खोज के द्वारा मानवों की आनुवांशिकी में हुए बदलावों के बारे में खोज करने में सफलता पाई है।
2022 #NobelPrize laureate Svante Pääbo has established an entirely new scientific discipline, paleogenomics. By revealing genetic differences that distinguish all living humans from extinct hominins, his discoveries provide the basis for exploring what makes us uniquely human. pic.twitter.com/AoDNL0zMc7
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 3, 2022
पाबो को इस काम की शुरुआत में काफी समस्याएं झेलनी पड़ीं, जब उन्होंने 1980 के दशक में यह कार्य प्रारम्भ किया था तब तकनीक इतनी विकसित नहीं थी। इसके अतिरिक्त मिलने वाला डीएनए प्रदूषित भी हो जाता था, जिससे अनुसन्धान में काफी कठिनाई आती थी।
“The last 40 thousand years is quite unique in human history, in that we are the only form of humans around.”
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 3, 2022
Take a listen to our interview with 2022 medicine laureate Svante Pääbo who reflects on our relationship to extinct species of early hominins.
Listen here: pic.twitter.com/0OUdwZylQf
इस समस्या से निजात पाने के लिए उन्होंने काफी काम किया और इन हड्डियों से साफ़ डीएनए निकालने के लिए एक नए प्रकार के लैब की स्थापना की। पाबो ने अपने शुरूआती सालों में मिस्त्र की ममी से भी डीएनए निकालने में सफलता पाई थी।
Through his pioneering research, Svante Pääbo – this year’s #NobelPrize laureate in physiology or medicine – accomplished something seemingly impossible: sequencing the genome of the Neanderthal, an extinct relative of present-day humans. pic.twitter.com/XO64ysoWnw
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 3, 2022
पिता-पुत्र दोनों नोबल विजेता
2022 में चिकित्सा के क्षेत्र में नोबल जीतने वाले स्वान्ते पाबो के पिता भी नोबल विजेता रहे हैं। पाबो के पिता सून बर्गस्टॉर्म को वर्ष 1982 में चिकित्सा के ही क्षेत्र में नोबल मिला था। उनकी तरह पुत्र स्वान्ते पाबो ने भी अब 40 साल बाद उसी क्षेत्र में नोबल हासिल लिया है।