तालिबान शासित अफगानिस्तान में अल्पसंख्यको पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। तालिबान ने सिखों के पवित्र ग्रन्थ श्री गुरु ग्रन्थ साहिब के स्वरूप को काबुल से बाहर ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। बीते रविवार यानी 11 सितम्बर, 2022 को 60 अफगानी सिखों का एक समूह काबुल से भारत आ रहा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह जत्था अमृतसर के श्री दरबार साहिब में मत्था टेकने के लिए दिल्ली पहुंचने वाला था, लेकिन तालिबान शासन ने श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी के स्वरूप को देश से बाहर ले जाने पर रोक लगा दी है, जिस कारण अफगानी सिखों का यह जत्था भारत नहीं आ पाया।
इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंदोक ने तालिबान शासन की निन्दा करते हुए कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तालिबान के नेतृत्व वाली अफगानिस्तान सरकार ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को अफगानिस्तान से बाहर जाने और ले जाने पर रोक लगा दी है।”
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के विदेश मंत्रालय ने अपनी धार्मिक पाबंदियों और प्रोटोकॉल के अनुसार श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रस्थान की सुविधा देने से इनकार कर दिया।
चंदोक ने कहा, “मंत्रालय के अधिकारियों ने काबुल में सिख समुदाय को सूचित किया कि उनके सूचना और संस्कृति मंत्रालय द्वारा एक आपत्ति की गई है, इस प्रकार श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को अफगानिस्तान से बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जब तक कि प्रतिबंधित मंत्रालय इसकी मंजूरी नहीं देता है।”
उन्होंने कहा, “इस मुद्दे को संबंधित अधिकारियों के साथ साझा किया गया है और हमने उनसे नियमों का पालन करने को कहा है।”
SGPC President Advocate Harjinder Singh Dhami strongly condemns restriction on departure of Guru Granth Sahib by Taliban-led Afghanistan Govt with a group of Afghan Sikhs & said it is direct interference in religious affairs of Sikhs. If Afghan Govt actually care for Sikhs (1/4) pic.twitter.com/aTwmBdJFHZ
— Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee (SGPC) (@SGPCAmritsar) September 14, 2022
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee, SGPC) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने भी श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र स्वरूप को अफगानिस्तान से बाहर ले जाए जाने पर पाबंदी लगाने की काबुल की तालिबान सरकार की निंदा की है।