अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य अभियान के कारण बीते साल 12 नागरिक मारे गए जबकि 5 नागरिक गम्भीर रूप से घायल हो गए। अमेरिका ने यह बात स्वीकार कर ली है।
अमेरिका के रक्षा विभाग ने बीते मंगलवार (सितम्बर 26, 2022) को अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के ठीक एक दिन पहले यानी 29 अगस्त 2022 को काबुल में अमेरिकी सेना ने एक ड्रोन हमले में 10 अफगानी नागरिकों को मार दिया था। इन 10 अफगानी नागरिकों में 7 बच्चे भी शामिल थे।
Pentagon announced that 12 civilians have been killed and 2 civilians have been injured as the result of US military operations in 2021 in #Afghanistan.
— Reporterly (@Reporterlyaf) September 28, 2022
The report states that 10 civilians were killed in strike on Aug 29, 2021, a day before US withdrawal from Afghanistan. pic.twitter.com/0WmYMPOQtX
रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में अफगानिस्तान में अन्य 2 अफगानी नागिरक दो अलग-अलग हवाई हमलों में मारे गए थे। इनमें से एक अफगानी नागरिक 8 जनवरी, 2021 को हेरात प्रान्त में मारा गया। जबकि, दूसरा नागरिक 11 अगस्त, 2021 को कंधार में मारा गया था।
पेन्टागन की अमेरिकी सैन्य अभियानों की सालाना रिपोर्ट में बताया है कि 18 जनवरी, 2021 को अफगानिस्तान के कंधार में किए गए अमेरिकी हवाई हमले के दौरान दो नागरिक गम्भीर रूप से घायल हो गए थे।
US सेन्ट्रल कमाण्ड जनरल ने माँगी माफी
29 अगस्त को काबुल में 7 बच्चों समेत 10 लोगों के मारे जाने के बाद अमेरिकी सेन्ट्रल कमाण्ड के तत्कालीन प्रमुख जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने 17 सितम्बर 2021 को सार्वजनिक तौर पर मीडियाकर्मियों के सामने माफी भी माँगी थी। हालाँकि, इस जघन्य कृत्य के लिए ऑपरेशन से जुड़े किसी भी सेना प्रमुख या सैनिक को दण्डित नहीं किया गया।
General Frank McKenzie, the head of U.S. Central Command said that a drone strike in Kabul last month killed as many as 10 civilians, including seven children, and apologized for what he said was a ‘tragic mistake’ https://t.co/hr83oizotB pic.twitter.com/w2oELuM2fB
— Reuters (@Reuters) September 17, 2021
यह घटना तब हुई जब अमेरिकी सेना को लगा कि इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रान्त (ISIS-K) से सम्बन्धित आतंकवादी एक कार में बैठकर हवाई अड्डे की तरफ जाएंगे। अमेरिकी सेना के शक के दायरे में एक कार आई थी। सेना ने उस कार को अपना लक्ष्य बनाया और ख्वाजा बुगरा इलाके में एक घर के भीतर ही घातक ड्रोन हमला कर दिया। इस घर में बैठे सभी 10 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हमला इतना भयानक था कि घर और कार तक के परखचे उड़ गए।
Six people including four children killed in Kabul rocket attackhttps://t.co/mFFVOl7rCm
— Ariana News (@ArianaNews_) August 29, 2021
Six people including four children were killed and four others were wounded when a mortar hit a house in PD15 of Kabul city on Sunday evening, eyewitnesses said.#ArianaNews pic.twitter.com/hUueqmnzR9
जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने अमेरिकी सेना की गलती को स्वीकारते हुए कहा था कि “अमेरिका की सैन्य जाँच में पाया गया है कि काबुल में अगस्त में एक कार पर हुए घातक ड्रोन हमले में इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रान्त (ISIS-K) से जुड़ा कोई भी खतरा नहीं था।”
पिछले साल अगस्त में अमेरिकी सेना काबुल से अपने सैनिकों और अपने लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में लगी हुई थी। मैकेंजी ने इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि वह “इस ड्रोन स्ट्राइक और उसके दु:खद परिणाम के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं।”

अफगानिस्तान से वापसी के अन्तिम चरण के बारे में बताते हुए फैंक मैकेंजी ने कहा था कि “अमेरिकी सेना को विश्वास था कि यह कार हवाई-अड्डे पर हमारी सेना और अन्य लोगों को काबुल से बाहर निकलने के लिए बड़ा खतरा है। हालाँकि, यह सोचना एक बड़ी गलती थी और मैं इसके लिए ईमानदारी से माफी माँगता हूँ।”
रक्षा विभाग की विश्वसनीयता पर सवाल
अमेरिकी सैन्य अभियानों में नागरिकों की मृत्यु और घायल होने की संख्या जारी करने वाली यह सालाना रिपोर्ट केवल अमेरिका द्वारा संचालित हथियारों के उपयोग से हताहत हुए नागरिकों को ही सूचीबद्ध कर आकलन करती है। अगर अमेरिकी सेना के हाथों किसी दूसरे देश के हथियार के उपयोग से नागरिकों की मृत्यु होती है तो फिर यह रिपोर्ट उसका आकलन नहीं करती है।

अमेरिकी सैन्य अभियान के दौरान नागरिकों की मृत्यु और घायल होने की रक्षा विभाग की सालाना रिपोर्ट अक्सर सवालों के घेरे में रहती है। अमेरिका की रिसर्च और डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (RAND) ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में कहा था कि “अमेरिकी सैन्य अभियान के चलते नागरिकों के हताहत होने की संख्या की जानकारी विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों (NGO) और अन्य बाहरी रिपोर्ट्स में अक्सर अमेरिका के रक्षा विभाग के अनुमान से कहीं अधिक होती है। यह रक्षा विभाग की विश्वसनीयता के लिए बड़ी चुनौती है।”
रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की रिपोर्ट ने अमेरिका के रक्षा विभाग से सिफारिश भी की थी कि रक्षा विभाग इन संगठनों के साथ और अधिक जुड़े, साथ ही उनके साथ अधिक पारदर्शी और सहयोगी भी बने।